प्रयागराज। राम मंदिर के मुद्दे पर कांग्रेस को समर्थन देने पर विचार करने के अपने पुराने बयान पर विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने सफाई दी है। उन्होंने कहा है कि कांग्रेस को समर्थन का सवाल नहीं है।
बता दें कि शनिवार को आलोक कुमार ने कहा था कि कांग्रेस अगर राम मंदिर निर्माण को अपने मेनिफेस्टो में शामिल करती है तो उसे समर्थन देने के बारे में भी सोचा जाएगा।
इस बयान पर सफाई देते हुए रविवार को आलोक कुमार ने एनबीटी संवाददाता से कहा कि उनके बयान का गलत मतलब निकाला गया। उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस का बदलना और उसे समर्थन देना एक हाइपोथेटिकल सवाल है। अगर कांग्रेस अपने मेनिफेस्टो में राम मंदिर को शामिल करती है तो स्वागत है लेकिन उसे समर्थन देने का सवाल नहीं उठता है।’
वीएचपी के कार्यकारी अध्यक्ष ने इस दौरान हिंदुत्व के मामलों में बीजेपी को सबसे बेहतर बताते हुए कहा, ‘हम अब भी बीजेपी को ही बेहतर मानते हैं। लेकिन राम मंदिर मुद्दे पर बीजेपी से निराशा मिली है। अगर हम बीजेपी से उम्मीद नहीं करेंगे तो क्या एसपी, बीएसपी और मुस्लिम लीग से करेंगे।’
आलोक कुमार ने क्या कहा था?
वीएचपी के कार्यकारी अध्यक्ष ने शनिवार को कहा, कांग्रेस ने हमारे लिए अपने सारे दरवाजे बंद कर रखे हैं लेकिन अगर वह अपने दरवाजे हमारे लिए खोलती है और राम मंदिर निर्माण को अपने मेनिफेस्टो में शामिल करती है तो उसके बारे में भी सोचा जाएगा।” आलोक कुमार ने मंदिर निर्माण के लिए अन्य विकल्पों के बारे में पूछे जाने पर यह बात कही थी।
वीएचपी के कार्यकारी प्रमुख ने मंदिर निर्माण को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर भी निशाना साधते हुए कहा, ‘हमें ऐसा लगता है कि केंद्र सरकार राम मंदिर को लेकर कोई कानून नहीं लाएगी। हम आगामी 31 जनवरी और एक फरवरी को होने जा रही धर्म सभा में साधु-संतों को यह बताएंगे।’ उन्होंने कहा कि कुंभ मेले में होने वाली धर्मसभा में वीएचपी राम मंदिर को लेकर अपना विश्लेषण साधु-संतों के समक्ष रखेगी। उसके बाद वही तय करेंगे कि राम मंदिर आंदोलन के लिए आगे क्या करना है? ()