A part of Indiaonline network empowering local businesses

एन.डी.ए ने नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करने वाले उन्नीस राजनीतिक दलों के निर्णय की स्पष्ट रूप

News

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन-एन.डी.ए. ने 28 मई को उन्नीस राजनीतिक दलों के नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करने के निर्णय की एक स्वर में निंदा की है। एनडीए ने आरोप लगाया कि यह कृत्य अपमानजनक ही नहीं देश के लोकतांत्रिक चरित्र और संवैधानिक मूल्यों का अनादर है। एनडीए ने कहा कि इस संस्था के प्रति इस तरह का निन्दनीय असम्मान न केवल बौद्धिक दिवालियापन है बल्कि लोकतंत्र की अवमानना है। एन.डी.ए. ने विपक्षी दलों पर पिछले नौ वर्ष में संसदीय प्रणाली के प्रति बार-बार असम्मान प्रदर्शित करने और संसदीय कर्तव्यों के प्रति लापरवाह रवैया बरतने का आरोप लगाया।


वक्‍तव्‍य में कहा गया है कि विपक्षी पार्टियों द्वारा संसदीय शालीनता और संवैधानिक मूल्यों के बारे में उपदेश देना हास्यास्पद है। उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों ने तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की अध्यक्षता में माल एवं सेवा कर पर विशेष सत्र का बहिष्कार किया और जब उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया तो समारोह में शामिल तक नहीं हुए। विपक्षी पार्टियों ने श्री रामनाथ कोविंद के राष्ट्रपति चुने जाने पर उनसे शिष्टाचार भेंट भी देर से की। एनडीए ने आरोप लगाया कि वर्तमान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के प्रति भी विपक्षी दलों ने जो अनादर दिखाया उससे राजनीतिक विमर्श निम्नतर स्तर पर पहुंच गया। उनकी उम्मीदवारी का प्रबल विरोध उनका अपमान ही नहीं अनुसूचित जाति-जनजाति का भी अनादर है।


एन.डी.ए. ने अपने बयान में आरोप लगाया गया कि विपक्षी दलों द्वारा अर्ध-राजशाही सरकारों और परिवार संचालित पार्टियों को प्राथमिकता देना जीवंत लोकतंत्र के प्रति उनकी घृणा दिखाता है। (AIR NEWS)

8 Days ago