केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री सोमप्रकाश ने आशा व्यक्त की है कि बेंगलुरु में आज भारत की जी-20 अध्यक्षता में शुरू हुई व्यापार और निवेश मामलों पर कार्य समूह की दूसरी बैठक अंतर्राष्ट्रीय व्यापार की बाधाओं को दूर करने की दिशा में काम करेगी और बेहतर भविष्य तथा साझा खुशहाली के लिए डिजिटल विभाजन को दूर करेगी।
तीन दिन की जी-20 कार्य समूह की बैठक के दौरान प्रौद्योगिकी और व्यापार पर केंद्रीय संगोष्ठी को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि वैश्विक व्यापार की चुनौतियों और बाधाओं को दूर करने के लिए उद्योग जगत के प्रतिनिधि, अकादमिक क्षेत्र, शोध और अनुसंधान संगठन तथा सरकारी अधिकारी मिलकर काम करेंगे। वहीं वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने कहा कि भारतीय विदेश व्यापार नीति ई-कॉमर्स पर जोर देती है।
उन्होंने कहा कि प्रत्यक्ष लाभ हस्तांरण और आधार को बैंक खातों तथा मोबाइल फोन से जोड़ने की व्यवस्था शुरु करके देश अर्थव्यवस्था के डिजिटलीकरण को बढ़ावा देने में सबसे आगे है। हालांकि उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि सीमा पार का व्यापार अभी भी कागजों के ही जरिए होता है और इससे जुड़े लोगों को तीन दर्जन दस्तावेज जमा करने पड़ते है। हालांकि उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उत्पादकों को विश्वभर में उपभोक्ताओं से प्रौद्योगिकी का उपयोग करके जोड़ना चाहिए, व्यासाय करने में आसानी हो इस दिशा में सुधार करना चाहिए, सामानों की ढुलाई और अन्य खर्चों में कमी लानी चाहिए और टिकाऊ तथा प्रभावशाली वैश्विक मूल्य श्रृंखला विकसित करनी चाहिए।
उन्होंने यह चेतावनी भी कि प्रौद्योगिकी के नियमन की आवश्यकता है, क्योंकि इसका उपयोग अपना काम निकालने के उद्देश्य से भी किया जा सकता है और धोखाधड़ी के लिए इसका दुरुपयोग भी हो सकता है। उन्होंने आशा व्यक्त की, कि संगोष्ठी में व्यक्त किए गए विचार विज्ञप्ति में स्थान हासिल करेंगे और जी-20 के दस्तावेज का हिस्सा बनेंगे।
(AIR NEWS)