प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रेहड़ी पटरी वालों के लिए शुरू की गई प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्व-निधि योजना के क्रियान्वयन की आज समीक्षा की। यह योजना आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय की ओर से शुरू की गई है। समीक्षा बैठक में प्रधानमंत्री को जानकारी दी गई की योजना के तहत अब तक दो लाख 60 हजार से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं।
जिसमें से 64 हजार से अधिक को मंजूरी दे दी गई है और पांच हजार पांच सौ से अधिक के लिए वित्तीय मदद जारी कर दी गई है। प्रधानमंत्री ने पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए योजना के तहत मोबाइल ऐप और वेब पोर्टल के जरिए निधि आवंटन की व्यवस्था पर प्रसन्नता व्यक्त की।
प्रधानमंत्री ने कहा कि रेहड़ी पटरी वालों को वित्तीय मदद पूरी तरह से डिजिटल माध्यम से होनी चाहिए। यह मदद उन्हें कच्चे माल से लेकर तैयार उत्पाद और उनकी बिक्री से जुड़ी सभी गतिविधियों के लिए मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस योजना को सिर्फ रेहड़ी पटरी वालों के लिए कर्ज की सुविधा के रूप में नहीं बल्कि उनके समग्र आर्थिक उत्थान के माध्यम के रूप में देखा जाना चाहिए।
सरकार ने प्रधानमंत्री स्व-निधि योजना करीब पचास लाख रेहड़ी पटरी वालों के लिए अपना कारोबार फिर से शुरू करने के लिए दस हजार रुपए तक का ऋण उपलब्ध कराने की व्यवस्था की है। यह ऋण एक वर्ष के लिए दिया जा रहा है।
समय पर ऋण चुकाने वाले रेहड़ी पटरी वालो को सात फीसदी की वार्षिक ब्याज सब्सिडी उनके खाते में सरकार की ओर से हस्तांतरित की जाएगी। इसके अलावा प्रतिवर्ष एक हजार दो सौ रुपए के कैश बैक की सुविधा भी दी गई है।
(AIR NEWS)