नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व वित्त मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम को INX मीडिया केस में सीबीआई की ओर से दर्ज मामले में ज़मानत दे दी है. हालांकि इसके बावजूद चिदंबरम रिहा नहीं हो पाएँगे क्योंकि वे इस मीडिया समूह से संबंधित मनी लॉन्डरिंग के एक अन्य मामले में 24 अक्टूबर तक प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में हैं.
पूर्व वित्त मंत्री ने दिल्ली हाई कोर्ट से अपनी ज़मानत की अर्ज़ी ख़ारिज होने के ख़िलाफ़ सर्वोच्च न्यायालय में अपील की थी.
मंगलवार को जस्टिस आर भानुमति, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस हृषिकेष रॉय की तीन सदस्यों की खंडपीठ ने चिंदबरम को ज़मानत देने का फ़ैसला सुनाया.
इस फ़ैसले के बाद दिल्ली हाई कोर्ट का फ़ैसला निष्प्रभावी हो जाएगा और अगर किसी अन्य मामले में उनकी आवश्यकता नहीं होगी तो उन्हें रिहा किया जा सकता है.
हालांकि वो अदालत की अनुमति के बिना देश से बाहर नहीं जा सकते.
सुप्रीम कोर्ट का ये फ़ैसला सीबीआई के मामले से जुड़ा है और इसका ईडी के मामले पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
हां, यदि किसी अन्य मामले में उन्हें गिरफ़्तार नहीं किया जाता तो एक लाख रुपए के निजी मुचलके पर रिहा किया जा सकेगा.
सीबीआई ने पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को 21 अगस्त की रात उनके घर से गिरफ़्तार किया था.
क्या है INX मीडिया केस
सीबीआई ने मीडिया कंपनी INX मीडिया के ख़िलाफ़ 15 मई, 2017 को एक एफ़आईआर दर्ज की थी.
आरोप है कि आईएनएक्स मीडिया ग्रुप को 305 करोड़ रुपये के विदेशी फ़ंड लेने के लिए फ़ॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड (एफ़आईपीबी) की मंज़ूरी में कई तरह की अनियमितताएं बरती गईं.
जब साल 2007 के दौरान कंपनी को निवेश की स्वीकृति दी गई थी उस समय पी चिदंबरम वित्त मंत्री हुआ करते थे.
चिदंबरम तब जांच एजेंसियों के रडार पर आए जब INX मीडिया के प्रमोटर इंद्राणी मुखर्जी और उनके पति पीटर मुखर्जी से ईडी ने पूछताछ की.
ईडी ने इस संबंध में 2018 में मनी लांड्रिंग का एक मामला भी दर्ज किया था.
एक रिपोर्ट के अनुसार ईडी ने अपने आरोप पत्र में लिखा, “इंद्राणी मुखर्जी ने जांच अधिकारियों को बताया कि चिदंबरम ने एफ़आईपीबी मंज़ूरी के बदले अपने बेटे कार्ति चिदंबरम को विदेशी धन के मामले में मदद करने की बात कही थी.”
सीबीआई का कहना है कि आईएनएक्स मीडिया की पूर्व डायरेक्टर इंद्राणी मुखर्जी ने उनसे पूछताछ में कहा कि कार्ति ने पैसों की मांग की थी.
जांच एजेंसी के मुताबिक़ ये सौदा दिल्ली के एक पांच सितारा होटल में तय हुआ था.
इंद्राणी मुखर्जी अपनी बेटी शीना बोरा की हत्या के आरोप में जेल में हैं.
सीबीआई ने चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम को भी फ़रवरी 2018 में चेन्नई एयरपोर्ट से गिरफ़्तार कर लिया था.
उनके ख़िलाफ़ ये आरोप लगाए गए थे कि उन्होंने INX मीडिया के ख़िलाफ़ संभावित जांच को रुकवाने के लिए 10 लाख डॉलर की मांग की थी. बाद में कार्ति चिदंबरम को ज़मानत मिल गई थी.
एयरसेल-मैक्सिस सौदे में भी है नाम
केंद्रीय जांच एजेंसी 3500 करोड़ रुपये के एयरसेल मैक्सिस सौदे में भी चिदंबरम की भूमिका की जांच कर रही है.
साल 2006 में मलेशियाई कंपनी मैक्सिस ने एयरसेल में 100 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल कर ली थी. इस मामले में रज़ामंदी देने को लेकर चिदंबरम पर अनियमितताएं बरतने का आरोप है.
वो 2006 में हुए इस सौदे के वक़्त पहली यूपीए सरकार में वित्त मंत्री थे. 2जी से जुड़े इस केस में चिदंबरम और उनके परिवार पर हवाला मामले में केस दर्ज है.
आरोप है कि विदेशी निवेश को स्वीकृति देने की वित्त मंत्री की सीमा महज़ 600 करोड़ है फिर भी 3500 करोड़ रुपये के एयरसेल-मैक्सिस डील को आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति की इजाज़त के बिना पास कर दिया गया.
लेकिन पी चिदंबरम ने हमेशा अपने और अपने बेटे के ख़िलाफ़ सभी इल्ज़ामों को ख़ारिज किया है. उनके अनुसार उनके ख़िलाफ़ इल्ज़ाम राजनीतिक प्रतिशोध से प्रेरित हैं.
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