पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम (P Chidambaram) पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है. दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi HighCourt) से कांग्रेस (Congress) नेता चिदंबरम को बड़ा झटका लगा है.
यहां से चिदंबरम को अग्रिम जमानत नहीं मिली. बता दें चिदंबरम को सीबीआई और ईडी (CBI And ED) द्वारा दाखिल दोनों मामलों में जमानत नहीं मिली है.
हालांकि हाईकोर्ट से झटका लगने के बाद चिदंबरम ने तुरंत सुप्रीम कोर्ट का रुख किया. चिदंबरम के वकील कपिल सिब्बल ने सबसे पहले कोर्ट 1 यानी CJI के समक्ष मामले को मेंशन करना चाहा.
लेकिन तब तक कोर्ट उठ चुकी थी. इसके बाद सिब्बल मामले को सूचीबद्ध करने को लेकर जॉइंट रजिस्टार के पास गए. कोर्ट में यह याचिका पी चिदंबरम की तरफ से दायर की गई थी. यह मामला साल 2007 का है जब वह यूपीए के कार्यकाल में वित्त मंत्री थे.
उस वक्त आईएनएक्स मीडिया को 305 करोड़ रुपये की विदेशी धनराशि प्राप्त करने के लिए विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी दिलाने में कथित अनियमितता बरते जाने का आरोप है.
इस मामले में कथित रूप से 10 लाख रुपये हासिल करने के लिए चिदंबरम के बेटे कार्ती चिदंबरम को गिरफ्तार किया गया था.
आईएनएक्स मीडिया कंपनी के तत्कालीन निदेशक इंद्राणी मुखर्जी और पीटर मुखर्जी भी इस मामले में आरोपी हैं. सीबीआई ने इस मामले में 15 मई 2017 को केस दर्ज किया था.
सीबीआई और ईडी ने अग्रिम जमानत का किया था विरोध जिरह के दौरान सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), दोनों ने ही चिदंबरम की अर्जी का इस आधार पर विरोध किया था कि उनसे हिरासत में पूछताछ जरूरी है क्योंकि वह सवालों से बच रहे हैं।
दोनों जांच एजेंसियों ने दलील दी थी कि चिदंबरम के वित्त मंत्री के तौर पर कार्यकाल के दौरान मीडिया समूह को 2007 में विदेश से 305 करोड़ रुपये की धनराशि प्राप्त करने के लिए विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) मंजूरी प्रदान की गई थी।
ईडी ने रखी थी जोरदार दलील ईडी ने दलील दी कि जिन कंपनियों में राशि हस्तांतरित की गई वे सभी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर चिदंबरम के पुत्र कार्ति द्वारा नियंत्रित हैं और उनके पास यह मानने का एक कारण है कि INX मीडिया को एफआईपीबी मंजूरी उनके पुत्र के हस्तक्षेप पर प्रदान की गई।
हाई कोर्ट ने 25 जुलाई 2018 को चिदंबरम को दोनों ही मामलों में गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण प्रदान किया था जिसे समय समय पर बढ़ाया गया। क्या है मामला UPA-1 सरकार में वित्त मंत्री के रूप में चिदंबरम के कार्यकाल के दौरान एफआईपीबी ने दो उपक्रमों को मंजूरी दी थी।
INX मीडिया मामले में सीबीआई ने 15 मई 2017 को प्राथमिकी दर्ज की थी। इसमें आरोप लगाया गया है कि वित्त मंत्री के रूप में चिदंबरम के कार्यकाल के दौरान 2007 में 305 करोड़ रुपये की विदेशी धनराशि प्राप्त करने के लिए मीडिया समूह को दी गई एफआईपीबी मंजूरी में अनियमितताएं हुईं। इसके बाद ईडी ने पिछले साल इस संबंध में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था। (NEWSVIEW MEDIA NETWORK)