A part of Indiaonline network empowering local businesses
Chaitra Navratri

इस बड़े मुस्लिम देश पर भारत के 700 करोड़ रुपए उधार, कहा-‘पहले पैसा दो फिर देंगे चावल’

news

01 अप्रैल 2023 |  भारत ने मुसीबत के समय हमेशा खाड़ी देशों के लोगों को खाद्यान्न दिया है। खासतौर पर जब यूक्रेन और रूस की जंग के बीच इन मुस्लिम बहुल देशों में गेहूं का संकट आया, तब भारत ने इन्हें गेहूं भी निर्यात किया। वहीं एक खाड़ी के एक बड़े मुस्लिम देश को भारत ने जरूरत के समय चावल भेजे। लेकिन जब इस देश पर 700 करोड़ रुपए उधार हो गए तो भारत ने साफ साफ कह दिया कि पहले उधार के पैसे लौटाओ, फिर चावल निर्यात करेंगे। भारतीय कंपनियों ने इस देश को उधार लौटाने के लिए दो टेक कह दिया है।

शिया बहुल देश ईरान की मुद्रा रियाल में इस समय भारी गिरावट दर्ज की गई है। इस कारण सरकार के लिए ईरान में सामान मंगाना बेहद मुश्किल हो गया है। भारत की कंपनियां जो इन मुस्लिम देश ईरान को चावल बेचती हैं, उनके 700 करोड़ रुपए बकाया हैं। लेकिन मुद्रा संकट के कारण ईरान इनका भुगतान नहीं कर पा रहा है। दरअसल, ईरान भारत का एक बड़ा चावल खरीददार देश है। पिछले वित्तीय वर्ष में भारत से निर्यात कुल बासमती चावल का एक चौथाई हिस्सा ईरान को बेचा गया था।

पाकिस्तान के बाद इस मुस्लिम देश की अर्थव्यवस्था भी डावाडोल हो रही है। ईरान की मुद्रा की वैल्यू में आ रही भारी गिरावट और बढ़ती महंगाई के कारण ईरान भी कराहने लगा है। इस इस्लामिक देश को चावल बेचने वाली भारत की कंपनियों ने यह फैसला किया है कि  बिना साख पत्र ‘लेटर ऑफ क्रेडिट‘ या नकद के बिना ईरान को चावल नहीं भेजा जाएगा।

रमजान में भी जरूरी चीजें नहीं खरीद पा रहे ईरानी

महंगाई की वजह से रमजान में भी ईरानी नागरिक जरूरी समान को पर्याप्त मात्रा में नहीं खरीद पा रहे हैं। महंगाई का आलम यह है कि लोग समान खरीदने से पहले दुकानों के बीच कीमतों की तुलना कर रहे हैं। इसके बाद भी कई बार उन्हें यह फैसला लेना पड़ रहा है कि किस समान के बिना इस सप्ताह गुजारा चलाया जा सकता है।

ईरान पर 700 करोड़ की उधारी बकाया

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार भारतीय चावल निर्यातकों के लगभग 700 करोड़ रुपये ईरान पर बकाया हैं। ऑल इंडिया राइस एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन यानी एआईआरइए ने ईरान के गवर्नमेंट ट्रेडिंग कॉर्पोरेशन को अपने इस फैसले के बारे में बता दिया है। एआईआरइए ने ईरानी गवर्नमेंट ट्रेडिंग कॉरपोरेशन से कहा है कि ईरान लेटेस्ट निर्यात का भी भुगतान करने में विफल रहा है। इस खेप को जनवरी-मार्च के दौरान ईरान भेजा गया था। हालांकि, भारतीय चावल निर्यातकों के इस फैसले पर ईरान सरकार की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

ईरान बासमती चावल का बड़ा बाजार

विदेशी व्यापार के लिहाज से ईरान भारत के लिए महत्वपूर्ण देश माना जाता है। बासमती चावल के लिए भी ईरान भारत के लिए बड़ा बाजार है। पिछले वित्तीय वर्ष में भारत से निर्यात कुल बासमती चावल का एक चौथाई हिस्सा ईरान को बेचा गया था।

सोर्स :-” इंडिया TV ”              

The post इस बड़े मुस्लिम देश पर भारत के 700 करोड़ रुपए उधार, कहा-‘पहले पैसा दो फिर देंगे चावल’ appeared first on .

(PROMPT TIMES)

383 Days ago