इसराइल चुनाव में अधिकांश मतों की गिनती के बाद प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू और उनके मुख्य प्रतिद्वंद्वी बेनी गैन्ट्ज़ की अगुवाई वाले गठबंधनों को बहुमत मिलता नज़र नहीं आ रहा है. इसराइल में पिछले छह महीने में दूसरी बार आम चुनाव हुए हैं.
स्थानीय मीडिया के अनुसार, मंगलवार को हुए मतदान में दोनों प्रमुख पार्टियों को इतनी सीटें नहीं मिली हैं कि वे बहुमत की सरकार बना सकें. ऐसे में सवाल उठता है कि इसराइल का अगला प्रधानमंत्री कौन होगा.
नेतन्याहू ने गैन्ट्ज़ से मिलीजुली सरकार बनाने के लिए बातचीत शुरू करने का अनुरोध किया है. गैन्ट्ज़ ने कहा कि वो एक गठबंधन की सरकार चाहते हैं लेकिन यह तभी संभव है जब वो इसका नेतृत्व करें.
उनकी पार्टी ने नेतन्याहू के साथ गठबंधन करने से इनकार किया है. नेतन्याहू भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे हैं. गुरुवार को येरूशलम में एक समारोह के दौरान राष्ट्रपति रेवेन रिवलिन ने प्रधानमंत्री के “महत्वपूर्ण आह्वान” का स्वागत किया.
रिवलिन किसी भी नेता को नामित करने से पहले पार्टी के प्रतिनिधियों के साथ विचार-विमर्श करेंगे. वह किसी ऐसे व्यक्ति को नामित करेंगे जिसके बारे में उन्हें लगेगा कि सरकार बनाने के लिए उनके पास बेहतर संभावना है.
चुनाव का रुझान क्या है?
केन्द्रीय चुनाव समिति ने गुरुवार पर केवल 68.6 प्रतिशत अधिकारिक परिणामों की घोषणा की है. बेनी गैन्ट्ज़ की वाम रुझान वाली मध्यमार्गी पार्टी ब्लू एंड व्हाइट नेतन्याहू की दक्षिणपंथी लिकुड पार्टी से 0.77 प्रतिशत मतों से आगे चल रही है.
अरब पार्टियों का एक गठबंधन तीसरे स्थान पर और अति रुढ़िवादी शास पार्टी चौथे स्थान पर और एक राष्ट्रवादी पार्टी इसराइल बेटीनू पांचवें स्थान पर है.
सीईसी के आंकड़ों में यह नहीं बताया गया है कि 120 सदस्यीय संसद में क्या समीकरण बनेगा. हालांकि इसराइली मीडिया ने ख़बर दी है कि ब्लू एंड व्हाइट ने लिकुड पार्टी से दो सीट अधिक सीट जीत कर दूसरे स्थान पर है.
ऐसा लग आ रहा है कि गैन्ट्ज़ की वाम झुकाव वाली मध्यमार्गी गठबंधन 57 सीटें हासिल कर सकती है और नेतन्याहू की अगुवाई वाली दक्षिणपंथी एवं धार्मिक पार्टियों का गठबंधन 55 सीट हासिल कर सकता है.
ऐसे में इसराइल बेटीनू के समर्थन के बिना कोई भी नेता बहुमत हासिल नहीं कर सकता है. पार्टी के नेता एविगडोर लीबरमैन ने एक “प्रभावशाली, उदार” गठबंधन सरकार का आह्वान किया है.
अधिकारियों ने बुधवार रात बताया कि प्रधानमंत्री ने अगले सप्ताह संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करने का अपना कार्यक्रम रद्द कर दिया. मंगलवार को जारी एक वीडियो में नेतन्याहू ने कहा कि उन्हें दुख है कि चुनाव परिणाम दिखा रहा है कि वो एक दक्षिणपंथी सरकार नहीं बना सके.
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