नई दिल्ली| वैपिंग पर प्रतिबंध से बेफिक्र ई-सिगरेट ट्रेड बॉडी टीआरईएनडीएस अब सभी सांसदों से मुलाकात करेगा और उन्हें समझाएगा कि सरकार के इस कदम से उनका 350 करोड़ रुपये का कारोबार चौपट हो गया है।
टीआरईएनडीएस (ईएनडीएस के व्यापार प्रतिनिधि) के संयोजक, प्रवीण रिखी ने कहा, "हमारे सांसद प्रबुद्ध लोग हैं। वे निश्चित रूप से नागरिकों के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित होंगे। अभियान के अगले कदम के तहत हम हर सांसद से मिलने जा रहे हैं।"
इलेक्ट्रॉनिक निकोटिन डिलीवरी सिस्टम्स (ईएनडीएस) में विभिन्न तरह के वैपिंग उपकरण आते हैं, जैसे ई-सिगरेट, हीट-नॉट-बर्न डिवाइस, वेप, ई-शीशा और ई-निकोटिन फ्लेवर्ड हुक्का तथा अन्य उपकरण।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने खासतौर से युवाओं में स्वास्थ्य समस्याओं का जिक्र करते हुए पिछले महीने एक अध्यादेश के जरिए ईएनडीएस पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया। इस निर्णय से ईएनडीएस के कारोबारियों को बड़ा झटका लगा है।
टीआरईएनडीएस ने इस निर्णय को विडंबनापूर्ण और अस्थिरकारी बताया और कहा कि यह प्रतिबंध चुनिंदा वैज्ञानिक एवं चिकित्सकीय राय के आधार पर लगाया गया है।
रिखी ने कहा, "मुझे लगता है कि इसका असर उद्योग से अधिक भारत के नागरिकों पर पड़ने जा रहा है।" उन्होंने कहा कि ईएनडीएस धूम्रपान का अपेक्षाकृत कम हानिकारक विकल्प है।
(RTI NEWS)