झारखंड विधानसभा चुनाव के चौथे चरण का प्रचार शनिवार शाम समाप्त हो गया। राज्य के चार जिलों-धनबाद, देवघर, गिरिडीह और बोकारो के 15 निर्वाचन क्षेत्रों में इस चरण के दौरान सोमवार को वोट डाले जाएंगे। इन निर्वाचन क्षेत्रों में से पांच क्षेत्र बगोदर, जमुआ, गिरिडीह, डुमरी और टुंडी नक्सल प्रभावित हैं। विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रमुख नेताओं ने अंतिम दौर के प्रचार अभियान में मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के प्रयास किए।
गिरिडीह और देवघर में चुनाव रैली को संबोधित करते हुए भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष और केन्द्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा कि भाजपा सरकार झारखंड में नक्सली हिंसा को समाप्त कर सकती है। संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की आलोचना करते हुए श्री शाह ने कहा कि इसमें शामिल पार्टियां केवल सत्ता में आने के लिए एकजुट हुई हैं और राज्य के लोगों के कल्याण से उन्हें कुछ लेना-देना नहीं है।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि विपक्षी दल नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर लोगों को गुमराह कर रहे हैं।
एक कांग्रेस पार्टी कहती है कि ये मुस्लिम विरोधी हैं। कोई मुस्लिम विरोधी नहीं भई। हमने 370 हटाई, आप कहते हो मुस्लिम विरोधी है और अब हम सीटीजनशिप अमेंडमेंट बिल लेकर आए आप नॉर्थर्इस्ट के अंदर आग लगाने में पड़े हो, मगर मैं आज इस मंच से असम और नॉर्थईस्ट के सभी राज्यों को कहना चाहता हूं कि नॉर्थईस्ट के भाइयों-बहनों की संस्कृति, उनकी भाषा, उनकी सामाजिक पहचान और उनके राजनीतिक अधिकार अक्षुण्ण रहेंगे।
दूसरी तरफ, झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन के पक्ष में मतदान का आग्रह करते हुए कहा कि अगर उनका गठबंधन सत्ता में आया तो अन्य पिछड़े वर्गों को 27 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा और किसानों के ऋण माफ कर दिए जाएंगे। झारखंड विकास मोर्चा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने आरोप लगाया कि भाजपा शासन में राज्य में पांच लाख से अधिक गरीबों के राशन कार्ड रद्द कर दिए गए। उन्होंने कहा कि ढाई लाख से अधिक निर्धन लोगों को पेंशन योजना से वंचित रखा गया। राजद, कांग्रेस और वाम दलों के नेताओं ने भी रैलियों को संबोधित किया। ऑल झारखंड स्टूडेंट यूनियन-ए.जे.एस.यू. अध्यक्ष सुरेश कुमार महतो ने भी चुनाव रैलियां कीं। हमारे संवाददाता ने बताया है कि इस चरण का चुनाव भाजपा और विपक्षी दलों, दोनों के लिए अति महत्वपूर्ण हैं।
भाजपा ने इस चरण के लिए 11 विधायकों को टिकट दिया है। महागठबंधन और भाजपा सभी 15 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। बाबू लाल मरांडी के नेतृत्व वाली झारखंड विकास मोर्चा भी सभी सीटों पर किस्मत आजमा रही है। दूसरी ओर आजसू के 12 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। दो मंत्री पांच पूर्व मंत्री और 14 विधायक समेत 221 उम्मीदवारों का राजनीतिक भविष्य इस चरण में तय होगा।