वायु प्रदूषण हर जगह व्याप्त होता है, सांस लेते समय आप हवा के साथ-साथ उन छोटे-छोटे कणीय प्रदूषकों को भी ग्रहण कर रहे हैं, जो आपके फेफड़ों, हृदय और मस्तिष्क को गंभीर नुकसान पहुंचा सकते हैं। हम सांस लेना तो नहीं छोड़ सकते, परन्तु हवा को सांस लेने लायक तो बना ही सकते हैं। ऐसी ही एक मुहीम दिल्ली में केंद्रीय पेट्रोलिम मंत्रालय को ओर से चलायी गयी है।
वायु प्रदूषण (Air Pollution) से जूझ रही दिल्ली में भारत स्टेज-6 (BS-6) उत्सर्जन मानक वाले ग्रीन फ्यूल पेट्रोल-डीजल (Green Fuel Petrol-Diesel) की बिक्री शुरू हो गई है। दिल्ली NCR के 60 फीसदी हिस्से हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के कुछ जिलों में बीएस-6 ईंधन की बिक्री हो रही है। वहीं 01 अप्रैल, 2020 की डेडलाइन से पहले ही अक्टूबर तक 80 फीसदी क्षेत्रों में इसकी बिक्री शुरू हो जाएगी। इंडियन ऑयल (Indian Oil) का कहना है, कि इसमें राजस्थान के 4 जिले और उत्तर प्रदेश के 8 जिले शामिल है।
बता दें कि केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने दो साल पहले इस संबंध में आदेश दिया था। नवंबर, 2017 में राजधानी दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर नाराजगी जताते हुए केंद्रीय मंत्री ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में 01 अप्रैल, 2018 से ही बीएस-6 ईंधन की सप्लाई का आदेश जारी कर दिया था।
जबकि पूरे देश में 01 अप्रैल, 2020 से ही बीएस-6 ईंधन की सप्लाई होनी है। लेकिन 2 साल पहले ही यहां लागू करने के आदेश जारी किए थे। अब बीएस-6 ईंधन हरियाणा में सोनीपत, और बहादुरगढ़, के अलावा राजस्थान के अलवर, भरतपुर, करौली, धौलपुर जिलों में भी उपलब्ध है। वहीं, उत्तर प्रदेश में मेरठ, मुजफ्फरनगर, गाजियाबाद, नोएडा, बागपत, हापुड़, बुलंदशहर, शामली और आगरा में नए मानक वाला ईंधन मिल रहा है।
इसके अलावा फरीदाबाद, गुरुग्राम, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, झज्जर, पलवल और नुंह में अक्टूबर से बीएस-6 ईंधन मिलना जल्द ही शुरू हो जाएगा। वहीं, भिवानी, रोहतक, सोनीपत, पानीपत, जींद, करनाल में देश के बाकी हिस्सों के साथ अगले साल अप्रैल से बीएस-6 ईंधन मिलना शुरू हो जाएगा। जानकारी के मुताबिक पूरे देश में होने वाली कुल खपत का 10 फीसदी की हिस्सेदारी दिल्ली-एनसीआर की है।
यहां हर साल 1 लाख 5 हजार टन पेट्रोल और 3 लाख 10 हजार डीजल की खपत होती है। वहीं, ईंधन की गुणवत्ता में सुधार होने से दिल्ली की अब हवाओं में भी सुधार होगा। सरकार ने पिछले हफ्ते संसद में बयान दिया था, कि दिल्ली में प्रदूषण के सबसे बड़े कारक पीएम-10 यानी पार्टिकुलेट मैटर के कणों में गिरावट आई है। और हवा साफ-सुथरी हुई है।
बीएस-6 ईंधन में 10 पार्ट्स पर मिलिग्राम (PPM) सल्फर होता है, जबकि बीएस-4 ईंधन में 50 पीपीएम सल्फर होता है। वहीं, बीएस-4 में 0.005 ग्राम प्रति लीटर लेड मिलता है। और बीएस-6 में यह मानक 0.001 ग्राम प्रति लीटर है। इससे पहले पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने राज्यसभा में कहा था, कि दिल्ली में बीएस-6 मानक वाले पेट्रोल-डीजल की बिक्री शुरू हो गई है
पेट्रोल पंप पर रेगुलर बीएस-4 और बीएस-6 ईंधन के दाम एक हैं। इससे पहले के आई रिपोर्ट्स में बीएस-6 ईंधन की कीमत ज्यादा हो सकती थी क्योंकि इसकी रिफाइनिंग लागत भी ज्यादा है। जानकारियों के मुताबिक पूरे देश में होने वाली कुल खपत का 10 फीसदी की हिस्सेदारी दिल्ली-एनसीआर की है। यहां हर साल 1 लाख 5 हजार टन पेट्रोल और 3 लाख 10 हजार डीजल की खपत होती है।
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(SPASHTAWAZ NEWS)