मध्यप्रदेश में बाढ़ की स्थिति में सुधार हो रहा है। मध्य प्रदेश का मंदसौर जिला बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। इस जिले के 150 गांवों और लगभग 800 दुकानों को काफी नुकसान पहुंचा है जबकि 13 हजार लोग बेघर हो गए हैं।
इस बीच, सेना श्योपुर, भिंड, मुरैना और अन्य जिलों के बाढ़ प्रभावित गांवों से मोटरबोटों द्वारा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रही है।
राज्य के गृह मंत्री बाला बच्चन ने आज कहा कि केंद्र सरकार को बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए मध्य प्रदेश को तुरंत दो हजार करोड़ रुपये की सहायता राशि देनी चाहिए।
दूसरी और राजस्थान के कोटा बैराज सहित अन्य स्थानों से पानी छोड़े जाने के कारण खतरा अब तक पूरी तरह टला नहीं है। राजस्थान में बाढ़ प्रभावित जिलों में बचाव और राहत कार्य जारी हैं।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिडला ने आज राज्य में बाढ़ की स्थिति का जायजा लिया और प्रशासन को प्रभावित लोगों तक राहत सामग्री तत्काल पहुंचाने के निर्देश दिये।
वे ग्रामीण क्षेत्रों में गये और फसलों के नुकसान का जायजा लिया। कोटा, सवाई माधोपुर और धोलपुर जिलों के कई गांव अब भी पानी से घिरे हैं तथा कोटा के निचले क्षेत्र पानी में डूबे हैं। कोटा सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है और लगभग आधे शहर में पानी की आपूर्ति बाधित हुई है।
पांच हजार से ज्यादा लोगों को आश्रय स्थलों में ठहराया गया है। कई गांवों में बिजली आपूर्ति भी ठप है। चंबल नदी में पानी की आवक कम होने के बाद अब से कुछ देर पहले कोटा बैराज के चार गेट बंद कर दिये गये हैं। उम्मीद की जा रही है कि अब निचले इलाकों से पानी कम होगा और स्थितियां धीरे-धीरे सामान्य होंगी। (AIR NEWS)