प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि राज्य आपदा मोचन कोष का इस्तेमाल कोविड संबंधी ढांचे के लिए करने की सीमा 35 प्रतिशत से बढाकर 50 प्रतिशत कर दी गई है। उन्होंने कहा कि इस निर्णय से राज्यों को कोरोना वायरस से निपटने के लिए अधिक धन मिल सकेगा।
छह राज्यों और एक केन्द्र शासित प्रदेश के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये बातचीत करते हुए श्री मोदी ने कहा कि कोविड से निपटने के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं को और मजबूत करने की आवश्यकता है। इन राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में आंध्र प्रदेश, महाराट्र, कर्नाटक, पंजाब, तमिलनाडु उत्तर प्रदेश और दिल्ली शामिल है।
प्रधानमंत्री ने कोविड के खिलाफ कार्रवाई और प्रबंधन की तैयारी की समीक्षा की। कोविड के कुल रोगियों में से 63 प्रतिशत से अधिक इन छह राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेश में है।
प्रधानमंत्री ने संक्रमित व्यक्तियों और उनके संपर्कों का पता लगाने के लिए ट्रेकिंग और ट्रेसिंग नेटवर्क में सुधार लाने और इस बारे में स्वास्थ्य कर्मियों के लिए बेहतर परीक्षण सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि देश को सिर्फ वायरस से लडने की आवश्यकता नहीं है, बल्कि आर्थिक मोर्चे पर भी मजबूती से आगे बढने की आवश्यकता है।
प्रधानमंत्री ने राज्यों के बीच माल और सेवाओं के आवाजाही सुनिश्चित करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि हाल ही में कुछ राज्यों को ऑक्सीजन खरीदने में कठिनाइयों का सामना करना पडा था।
उन्होंने कहा कि चिकित्सा के लिए ऑक्सीजन उपलब्ध कराना सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है। उन्होंने राज्यों में औषधियों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए उनकी आवाजाही सुगम बनाने की भी बात की।
मुख्यमंत्रियों ने इस संकट की अवधि में प्रधानमंत्री के नेतृत्व की सराहना की। उन्होंने प्रधानमंत्री को जमीनी हकीकत से अवगत कराया और वायरस का फैलाव रोकने में आ रही कठिनाइयों की जानकारी उन्हें दी। (AIR NEWS)